गंगूबाई काठियावाड़ी एक किताब 'माफिया क़्वीन इन मुंबई' बेस स्टोरी है, जिसे 'एस हुसैन' ने लिखा ह, और इसी किताब में बताया गया है गंगूबाई काठियावाड़ी के बारे में।
एक 16 साल की लड़की जो मुंबई के रेड लाईट एरिया में आयी और एक डॉन के घर बेख़ौफ़ होकर घुसी और उसे राखी बांध आयी।
गंगू रेड लाईट एरिया में काम करने वाली महिलाओं के अधिकारों के लिए प्रधानमंत्री तक पहुँच गई।
ये कहानी उस गंगूबाई की है जिसकी तस्वीर कमाठीपुरा की हर औरत और युवतियां (जो रेड लाईट एरिया में काम करती थी) अपने पास रखा करती थी।
16 साल की 'गंगा हरजीवन दास' काठियावाड़ी एक गुजरात के 'काठियावाड़' की एक लड़की थी। परिवार वाले बड़े इज़्ज़त पसंद लोग थे और गंगा को पढ़ना लिखाना चाहते थे लेकिन गंगा क मन में बॉलीवुड राज करता था और वो हीरोइन बनना और बॉम्बे जाना चाहती थी।
वह वेश्यावृति में धकेली गई लड़कियों के हक के लिए लड़ाई लड़ती, उनके समान अधिकारों की वकालत करतीं। देश में वेश्यावृति को वैध बनाने के मुद्दे को लेकर गंगूबाई ने उस समय के प्रधानमंत्री तक से मुलाकात कर ली थी
गंगा से गंगूबाई बनने तक का सफर उन्होंने किन रास्तों से होकर तय किया.. इसी के इर्द गिर्द घूमती है पूरी फिल्म।
इस फिल्म की शूटिंग 8 दिसम्बर 2019 को शुरू की गयी थी और इसकी शूटिंग 27 जून 2021 को पूरी हो चुकी है। फिल्म 25 फरवरी 2022 को सिनेमाघरों में रिलीज हुई है।
लाल बिंदी लगाने वाली गंगा, जिसने प्यार में धोखा खाया, अपनी किस्मत से समझौता किया, अपना दब-दबा कायम किया और रेड लाईट एरिया में काम करने वाली महिलाओ और युवतियों के हक़ के लिए लड़ी और सभी के दिल में एक छवि बन कर बस गयी।